Abid Hasan
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Mauritius Beach Image Taken from Google आप को मेरी बात पर ज़रूर आश्चर्ये हो रहा होगा की भला भारत से बाहर भारत कैसे हो सकता है? जी हाँ, यदि आप कभी मारीशस की धरती पर कदम रखे तो आप भी तुरंत कह उठेंगे- वाह, क्या बात है! भारत से बाहर भारत! यूँ तो हमारे भारत से हमारे पूर्वज विश्व के अनेक देशों मे गये लकिन जो पूर्वज मारीशस मे आए उन की पारिस्थितियां बहुत कठिन थीं। भुखमरी, बीमारी ओर जातिवाद से कुचले मजबूर ओर अभावग्रस्त लोगों को बहकाया गया था कि चलो मारीशस… वहाँ जिस भी पत्थर को पलटोगे उस के नीचे सोना मिलेगा| पत्थर के नीचे छिपा सोना हमारे वो भोले पूर्वज सोच भी नही सके की वो ठगे जा रहे हैं। भला ऐसा कहीं संभव है की पत्थर के नीचे सोना छिपा हुआ हो लकिन इसे महनत का फल कहें या किस्मत का खेल… जिस सपने को दिखा कर ठग कर उन्हे यहाँ लाया गया, उन्होने उसी सपने को साकार कर दिखाया| सबसे पहले तो उन्होने आज़ादी की जंग छेड़ कर मारीशस को अपने नाम किया ओर इस का कर्णधार बनाया अपने एक सपूत को जिसे दुनिया ने शिव सागर रामगुलाम के नाम से जाना| शिव सागर राम गुलाम आज़ादी से पहले की अभाव, अत्याचार ओर अपमान को जिंदगी जीते हुए जान गये थे कि यदि कठिन ओर दुखद पारिस्थितियों से निकलना है तो एक मात्र शस्त्र है शिक्षा| और आज़ादी के बाद निःशुल्क शिक्षा के रूप मे उन्होंने अपने लोगों को ताकतवर बनाया| आज खून-पसीने से सीचें इस देश मे ना सिर्फ़ प्रगति, विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के शेत्र जो आस्था ओर विश्वास देखते हैं वो उन पूर्वजों का ही सपना है जो साकार हुआ| कहां नहीं दिखता वो भारत… हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार, अनेक कार्यरत धार्मिक संस्थाएँ ,समस्त भारतीय पर्वों को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाना, भव्य मंदिर,गगन चुंबी मसजिदें… जो भारतीय सभ्यता कभी भारत अपनी की पहचान थी आज मारीशस मे देखने को मिल जायगी| भोजपुरी भाषा का प्रचलन, भारतीय लोक गीत, फिल्मी गीत, भारतीय फिल्मों ओर टीवी चेनल का प्रसारण, शिवरात्रि का भव्य आयोजन- जो आस्था चैनल द्वारा विश्व भर मे देखा जा सकता है, भारत के साथ गहरे मैत्री संबंध, सड़कों ओर गलियो का नाम गाँधी, नेहरू, दयानंद सरस्वती, टैगोर, इंदिरा गाँधी के नाम पर होना, भारत की समस्त भाषाओं की पुस्तकों की उपलब्धि। नई दिल्ली,मुंबई, चेन्नई और आने वाले समय मे बंगलूरु के लिए हवाई सेवा ओर उस पर युनाइटेड नेशन के मंच से प्रधान मंत्री डा.नवीन चंद्र रामगुलाम का सीटीबीटी के मुद्दे पर भारत को अपनी आवाज़ की बुलंदी देना क्या ये साबित नही करता कि विश्व के मान चित्र मे दो भारत है एक महान देश भारत ओर दूसरा लघु भारत मारीशस| मैं इस लेख के मध्यम से सभी पाठकों से अनुरोध करूँग की दुनिया के जिस भी कोने मे आप है ,एक बार मॉरीशस की यात्रा ज़रूर कीजिए,गंगा सरोवर मे शिव भगवान के दर्शन करें। आप्रवासी घाट पर पहली बार उतरने वाले पूर्वजों को श्रद्धा सुमन चढ़ाएं। नीले आकाश तले फैले नीले समुद्र के आगोश में समाएं या जंगल भ्रमण का सुख उठाएं… जो भी करें दावा है हमारा कि आप को बहुत भायगा ये देश… क्योंकि यह जुड़ा है आप की जड़ो से!!
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Abid Hasan is a social and humanitarian activist currently pursuing Bachelor of Science in IT and “He is a World Record Holder “For Youngest Founder & CEO of An International Foundation” And He has won more than five International Media Awards from International TV and Radio Networks.
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